कुम्भ मेला
कुम्भ पर्व |
हेलो दोस्तों मैं हूँ सोनी , दोस्तों कुम्भ मेले का आयोजन इस साल 15 जनवरी से 4 मार्च तक चलेगा। कुम्भ पर्व हिंदु धर्म का पर्व है, जिसमे करोड़ो भक्त कुम्भ पर्व स्थल haridwaar , prayaag , ujjain और naasik में स्नान करने आते हैं इसमें में से हर एक स्थान पर कुम्भ हर 12 वर्ष और प्रयाग में 2 कुम्भ पर्वो के बिच 6 साल का अंतराल होता है जिसे अर्धकुम्भ कहते हैं, और इस साल 2019 में अर्धकुम्भ प्रयाग में हो रहा है।
कब शुरू होता है - क्या है धारणा ??
यह मेला मकर संक्रांति के दिन से शुरू होता है जब सूर्य और चन्द्रमा वृश्चिक राशि में और वृहस्पति मेष राशि में आता है इस दिन ग्रहो की चाल हरिद्वार से बहती गंगा के किनारे पर स्थित हरकी पैड़ी स्थान पर ganga jal को अमृत बना देती है यही कारण है की इस दिन लाखो श्रद्धालु अपनी आत्मा की शुद्धि हेतु स्नान करने आते हैं। इस दिन स्नान करने को कुम्भ स्नानं योग कहा जाता है क्युकी ऐसी धारणा है की पृथ्वी से उच्च लोको के द्वार इस दिन खुलते हैं तभी इस दिन स्नान करने से आत्मा को उच्च लोक की प्राप्ति होती है तभी इसे विशेष मंगलकारी माना जाता है, इसके साथ ही यह स्नान करना साक्षात स्वर्ग दर्शन भी माना जाता है।
अर्ध कुम्भ क्या है ??
अर्ध मतलब होता है आधा और इसी वजह से ही 12 साल में होने वाला पूर्ण कुम्भ के बिच का 6 वर्ष का अंतराल अर्ध कुम्भ कहलाता है
इतिहास- पौराणिक कथा क्या है ??
कुम्भ पर्व की मान्य कथा देव और दानवो दवारा समुन्द्र मंथन से प्राप्त अमृत कुम्भ से अमृत की बूंदे गिरने को लेकर है ,अमृत प्राप्ति के लिए देव दानवो में 12 दिन तक निरंतर युद्ध हुआ था , देवताओ के 12 दिन मनुष्य जीवन के लिए 12 साल के बराबर होते हैं इसलिए कुम्भ भी 12 होते है जिसमे से 4 कुम्भ पृथ्वी पर और 8 देव लोक में होते हैं , जिन्हे देवताये ही प्राप्त कर सकते हैं।
इसी युद्ध के दौरान, कलश से अमृत की बूंदे पार्थवी के 4 स्थान में गिरी थी नाम है - प्रयाग , हरिद्वार , उज्जैन और नासिक। उस समय चंद्रमाँ ने कलश से अमृत गिरने से बचने और सूर्य ने कलश फूटने से , गुरुओ ने दैत्यों अपहरण से और शनि ने देवेंद्र के भय से कलश की रक्षा की। कलह शांत करने के लिए भगवन ने मोहिनी का रूप धारण कर सबको अमृत बांटा और इस प्रकार देव दानवो का युद्ध ख़तम हुआ।
कुम्भ मेले की सभी स्नान तिथियां
कुम्भ मेला 50 दिन तक 14 january से 4 मार्च शिवरात्रि के दिन तक चलेगा , आइये जानते हैं स्नान तिथि। ..
- makar sankranti ( 14 january 2019 )
- पौष पूर्णिमा ( 21 january 2019 )
- मौनी अमावस्या ( 4 february 2019 )
- बसंत पंचमी ( 10 february 2019 )
- माघी पूर्णिमा ( 19 february 2019)
- महाशिवरात्रि ( 4 march 2019 )
कुम्भ मेले का आखरी स्नान महाशिवरात्रि के दिन होता है इस दिन सभी श्रद्धालु स्नान कर अपने घर लौट जाते हैं।
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